*जिसके दिल में रहता हूँ वो ही मेरा पता पूछती है*
सतत सेवा संस्थान के संयोजन में भोर तक चला हरणी महादेव मेले में कवि सम्मेलन
भीलवाड़ा. महाशिवरात्रि पर नगर परिषद की तरफ से हरणी महादेव में हुए तीन दिवसीय मेले का समापन गुरुवार रात कवि सम्मेलन के साथ संपन्न हुआ। सतत सेवा संस्थान के सहयोग से हुए कवि सम्मेलन में कवियों ने वीर, हास्य व शृंगार रस से ओतप्रोत कविताएं प्रस्तुत की। नीमच की कवयित्री प्रेरणा ठाकरे ने सरस्वती वंदना मां तुझे प्रणाम है कविता से कवि सम्मेलन का आगाज किया। सर्वाधिक मास्टर डिग्री के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने वाले कवि योगेश दाधीच योगसा ने जिसके दिल में रहता हूँ कमबख्त वो ही पता पूछती है सुनाकर खूब तालियां बटोरी। भीलवाड़ा के कवि दीपक पारीक ने यह वह देश है जहां भगीरथ गंगा लेकर आए थे और एक गाय चराने वाले ने यहां धर्म स्थापना कर डाली कविताएं सुनाने के साथ मेवाड़ी हास्य प्रस्तुतियों से श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। वीर रस के हस्ताक्षर उदयपुर के सिद्धार्थ देवल ने हल्दीघाटी का रण देखा मैंने चेतक की आंखों से और सीमा पर एक जवान जो शहीद हो गया संवेदनाओं के कितने बीज हो गया सुनाकर श्रोताओं के मन में देशभक्ति का संचार कर दिया। संचालक हास्यकवि गोविंद राठी ने अपनी चुटकियों के माध्यम से श्रोताओं को हंसा हंसाकर लोटपोट कर दिया। उनकी पंक्ति हर युग में सियासत की अपनी अपनी व्यवस्थाएं होती हैं, पहले द्रौपदियों की इज्जत सभाओं में लुटती थी आजकल इज्जत लुटने के बाद सभाएँ होती है को खूब दाद मिली। देवेंद्र वैष्णव ने कविता चीनियों की आंख देखी शर्ट के बटन जैसी व नेता की नेतण राजी पेश की। बारां के मारुति नंदन की कविता पाक अधिकृत कश्मीर पर अब अपना शासन होगा को भी श्रोताओं ने सराहा। मुरादाबाद के प्रवीण राही ने बात जब भी होती है अपनों की, मां से ज्यादा कोई करीब नहीं, इंदौर के अतुल ज्वाला ने चश्मा पोंछ पोंछकर सिग्नल मिला रहे हो और प्रेरणा ठाकरे ने मंजर बड़े अजीब दिखाती है जिंदगी लाकर बुलंदियों पर गिराती है जिंदगी सुनाकर खूब दाद बटोरी। पंडित अशोक नागर ने अपनी हास्य कविताओं और चुटकियों से खूब गुदगुदाया उनकी पंक्तियों जिन लिफाफों में प्रेमपत्र भेजा करते थे उन लिफाफों में कन्यादान देकर आ गए पर खूब तालियां मिली। केकड़ी के बुद्धिप्रकाश दाधीच ने आओ मिलकर मानव मन की ग्रन्थि को सुलझाएं, मोबाइल से मार गई मीठा मीठा बोल, ब्याईजी की जान ब्याणजी को मिस कॉल और मारा आवे रे डील में हेरा रे सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर यूआईटी के विधि परामर्शी ताराचंद खेतावत के उपन्यास शम्भो का विमोचन किया गया। सांसद सुभाष बहेड़िया, नगर परिषद सभापति राकेश पाठक, उपसभापति रामलाल योगी, पूर्व उपसभापति मुकेश शर्मा देबू, आयुक्त दुर्गा कुमारी, सतत सेवा संस्थान के चंद्रशेखर शर्मा, राघव दाधीच, पार्षद ओम पाराशर सुशीला बेरवा सत्य नारायण कुमावत घनश्याम शर्मा हेमेंद्र शर्मा आजाद शर्मा पंडित अशोक शर्मा, हेमंत शर्मा, मुकेश जाट सहित कई पार्षद, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक मौजूद थे।