भीलवाड़ा, 13 अप्रैल। जिला कलक्टर श्री आशीष मोदी ने गुरुवार को विद्यालयों में बालिका उत्पीडन एवं बाल यौनाचार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए।
जिला कलक्टर ने विद्यालयों में बालिका उत्पीड़न एवं बाल यौनाचार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश के लिए जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारी, शिक्षा विभाग के अधिकारियो, विकास अधिकारियों एवं समस्त सार्वजनिक शिक्षण संस्थान के प्रधानों को निर्देशित किया कि वह अपने अधीनस्थ समस्त विद्यालयों में इस प्रकार की घटनाएं रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर तत्काल कार्यवाही सम्पादित की जानी सुनिश्चित करे।
विद्यालय के समस्त कार्यरत कार्मिकों, शिक्षकों एसडीएमसी व एसएमसी के सदस्यों को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 19 (1) एवं 21 में विहित प्रावधान के अनुसार बाल/यौन प्रताड़ना से संबंधित घटनाओं पर तत्काल प्रसंज्ञान लिया जाकर नियमानुसार कार्यवाही करें।
उन्होंने प्रत्येक विद्यालय में संस्था प्रधान की अध्यक्षता में यौन उत्पीड़न कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। जिसमें दो महिला शिक्षिका अनिवार्य रूप से सम्मिलित हो तथा माननीय सर्वाच्च न्यायालय के विशाखा कैस 1997 में दिये गये निर्देशानुसार इस कमेटी में एक गैर सरकारी संगठन जैसे तीसरे पक्ष को भी शामिल किया जावें ।
विद्यालय परिसर में चिन्हित स्थान पर एक गरिमा पेटिका भी लगवाई जाए जिसकी चाबी उपखंड अधिकारी के पास रखी जावे तथा गरिमा पेटिका के बारे में छात्राओं को पूरी जानकारी दी जाए कि उनकी किसी भी प्रकार की शिकायत है, तो वे इस पेटिका में लिखकर डाल सकती है। उपखंड अधिकारी / उनका प्रतिनिधि गरिमा पेटी को प्रत्येक 15 दिन के भीतर खुलवावे एवं उसमें प्राप्त शिकायतों का संस्था प्रधान के माध्यम से रजिस्टर संधारित करवाना सुनिश्चित करे। साथ ही संबंधित उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी समय-समय पर कमेटी के गठन / बैठक एवं गरिमा पेटिका लगी होने का निरीक्षण करेंगे। यदि कोई शिकायत पाई जाती है तो कमेटी तत्काल निर्णय करें। विद्यालय के सूचना पट्ट तथा सुदृश्य स्थानो पर चाइल्ड हेल्पलाइन से संबंधित दूरभाष 1098 का-स्पष्ट अंकन किया जाए तथा इस बारे में समस्त विद्यार्थियों को जानकारी दी जाए।
—000—
Leave a Reply