भीलवाड़ा मेवाड़ प्लस(महेन्द्र नागौरी)
शुक्रवार को संगम विश्वविधालय का आठवां दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ ।
कोरोना संक्रमण की वजह से दीक्षांत समारोह ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की में सर्वप्रथम सभी गणमानिय अतिथियों को एनसीसी कैडेट द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत में संगम विश्वविधालय कुलपति प्रो. करुणेश सक्सेना ने वार्षिक प्रतिवेदन चार भागों में प्रस्तुत किया जिसमे प्रथम भाग में सुशासन एवं गुणवत्ता,दूसरे भाग में शैक्षणिक उपलब्धियां ,तीसरा भाग में कौशल विकास तथा चौथे भाग में विद्यार्थी एवं गैर शैक्षणिक कार्मिक की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया !उन्होंने बताया की इस शैक्षणिक वर्ष में कुल 132 नेशनल एवं इंटरनेशनल पेपर 32 से ज्यादा किताबें 50 से ज्यादा वेबीनार तथा 5 कंसल्टेंसी एवं रिसर्च प्रोजेक्ट 7 पेटेंट आदि किए गए! सम्मानिय अतिथि हरेंद्र महावर, आईपीएस, डीआईजी एसएसबी जोधपुर ने तथा
डॉ.हिमांशु कुमार शी,विक्टोरिया यूनिवर्सिटी मेलबर्न ने ऑनलाइन जुड़कर अपने उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि
प्रोफ़ेसर पवन कुमार सिंह, डायरेक्टर आई आई एम तिरुचिलापल्ली ने दीक्षांत भाषण में शुरू से अंत तक इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दी ।
तथा अपनी ओज पुण उद्बोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को और शिक्षा क्षेत्र को उद्बोधन देते हुए कहा कि “सीखना एक निरंतर प्रक्रिया है सीखने की कोई सीमा नहीं
होती है ।
“उन्होंने कहा कि “जमाने में उसने बड़ी बात कर ली ।जिसने खुद से मुलाकात कर ली ।
कार्यक्रम के अतिथि भीलवाड़ा
जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने बताया कि “बहुत अच्छे व्यवसायी, विद्यार्थी, शिक्षक समाजसेवी, प्रशासनिक अधिकारी होने से कई गुना अच्छा यह है कि आप बहुत बेहतर इंसान बने अपने आप पर विश्वास रखें यही सफलता का मूल मंत्र है ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
यदुवेंद्र माथुर पूर्व आईएएस एवं पूर्व विशेष सचिव नीति आयोग भारत सरकार ने इस शिक्षा के मंदिर को प्रणाम करते हुए बताया कि ‘,”जो ऊर्जा शिक्षा देती है वह ऊर्जा कहीं से नहीं मिल सकती
है ।
उन्होंने अपने कार्य काल में साक्षरता सप्ताह का वर्णन करते हुए बताया कि समाज में “व्यक्ति को मोमबत्ती की तरह रहना चाहिए जो दोनों तरफ से समाज के लिए जलने के लिए हमेशा तैयार रहे ।
संगम विश्वविद्यालय के बोर्ड मेंबर अनुराग सोनी ने इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए सभी विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को बधाई दी ।
संगम विश्वविद्यालय तथा संगम ग्रुप के चेयरमैन तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष रामपाल सोनी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज इस दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियो से कहा कि उन्होंने जो एक पढ़ाई पूरी कर ली है अब उनके लिए महत्वपूर्ण दूसरी पढ़ाई जीवन के विश्वविद्यालय में करनी है उस विश्वविद्यालय में यदि वे पास हो जाते हैं तो यह विश्वविद्यालय के पढ़ाई की सार्थकता होगी ।
उन्होंने कहा कि “शिक्षा कालजयी होनी चाहिए जिस पर किसी भी समय का प्रभाव न पड़े, शिक्षा ऐसी भी होनी चाहिए जो हमेशा बदलाव के लिए तैयार करें ,शोध परक बदलाव बहुत आवश्यक है ।
उन्होंने कहा कि कोई भी अच्छा लीडर वह है जो अपने अधीनस्थ काम करने वाले की गुणवत्ता को पहचाने और उसे उस कार्य को की पूर्ण आजादी दे, तथा उसकी कमियों को नजरअंदाज करके उसके अच्छाई वाले पक्ष को आगे बढ़ाएं ।
माथुर को मानद डॉक्टरेट की उपाधि सार्वजनिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए दी
गई!
रजिस्ट्रार प्रो. राजीव मेहता ने बताया की इस वर्ष कुल 352 योग्य छात्र छात्राओं को डिग्री,तथा 443 योग्य छात्र छात्राओं को डिप्लोमा सर्टिफिकेट तथा अन्य सर्टिफिकेट एवं डिग्री अवार्ड की गई!परीक्षा नियंत्रक प्रो. जग भूषण शर्मा ने बताया की प्रोग्राम कोर्स के श्रेष्ठ 23 छात्रा ने गोल्ड एवं सिल्वर मेडल जीते तथा 09 लड़कों ने गोल्ड एवं सिल्वर मेडल जीते !डिग्री अवार्ड में सर्वप्रथम रिसर्च डीन प्रो. राकेश भंडारी ने पीएचडी एवं डीएससी की डिग्री,स्कूल ऑफ आर्ट्स एवं ह्यूमैनिटी की डिग्री डीन प्रो रजनीश वर्मा ने,स्कूल ऑफ बेसिक एंड अप्लाइड साइंस की डिग्री प्रो राकेश शर्मा,स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को डिग्री डीन प्रो. विनेश अग्र वाल,स्कूल ऑफ मैनेजमेंट तथा स्कूल ऑफ लॉ की डिग्री डीन प्रो विभोर पालीवाल ने तथा स्कूल ऑफ वोकेशनल की डिग्री इंचार्ज लेफ्टीनेंट राजकुमार जैन ने अवार्ड करी।
दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ निधि भटनागर तथा डॉ स्वेता बोहरा ने किया।
जनसंपर्क अधिकारी जैन ने बताया की कार्यक्रम में संगम ग्रुप के डा. एस एन मोदानी, वी के सोडाणी, प्रणल मोदानी,प्रीति माथुर, आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो प्रीति मेहता आदि उपस्थित थे ।
धन्यवाद रजिस्ट्रार प्रो राजीव मेहता ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित
किया ।