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*सामाजिक समरसता के अद्वितीय उदाहरण थे संत रैदास: जीनगर*

महापुरुष रैदास ने समाज में फैली कुरूती जात पात को अंत के लिए काम किया
भीलवाड़ा 20 फरवरी
भाजपा प्रदेश संगठन एवं जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली के निर्देशानुसार एस. सी. मोर्चा द्वारा संत कुलभूषण कवि संत शिरोमणि रविदास (रैदास) की जंयती आज शहर के उपनगर सांगानेर स्थित रविदास मंदिर में मनाई गई।

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी महावीर समदानी ने बताया कि रेदास मंदिर लगभग 545 साल पुराना है, जहां संत रविदास का आगमन भी हुआ था। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कैलाश जीनगर ने रविदास कि जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया की उनका जन्म काशी में हुआ था। उनकी माता का नाम घुरविनिया तथा पिता का नाम रग्घु था। चर्मकार कुल से होने के कारण जूते बनाने का अपना पैतृक व्यवसाय उन्होंने ह्रदय से अपनाया था। वे पूरी लगन तथा परिश्रम से अपना कार्य करते थे। रविदास के जन्म को रविदास जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्हीं के जीवन से जुड़ी महान घटनाओं और चमत्कारों को याद कर के गुरु रविदास से प्रेरणा लेते हैं और उनके भक्त उनके जन्म स्थान पर जाते हैं। सतगुरु रविदास भारत के उन महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को आत्मज्ञान, एकता, भाईचारा पर जोर दिया। जगतगुरु रविदास की अनूप महिमा को देख कई राजा और रानियाँ इनकी शरण में आकर भक्ति मार्ग से जुड़े। जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात-पात के अन्त के लिए काम किया। इस दौरान मंदिर के मंहत भंवरदास का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोर्चे के पुरण डिडवानिया ने की व मुख्य अतिथि जनसंघ के वरिष्ठ नेता सुरेश पारीक थे ! इस मौके पर मोर्चे के शिवप्रकाश चंन्नाल घनश्याम बेरवा ,राजेश जीनगर पवन बैरवा, विनोद खोइवाल पूर्व पार्षद नेमी चन्द खटीक , नटवर सोलंकी, दीपक खटीक, मुकेश बैरवा, मंडल अध्यक्ष नारायण बैरवा, दीपक बैरवा, राहुल बैरवा आदी मोजूद थे।

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