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मेवाड़ प्लस भीलवाडा (महेन्द्र नागौरी)बनास बचाओं आंदोलन समिति ने राज्य सरकार से प्रोसेस हाउसों द्वारा प्रदूषित काले पानी छोड़ने एवं इससे हो रहे नुकसान को लेकर सरकार से इसके स्थाई समाधान करने एवं मंगरोप कस्बे में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
दिव्य ने भेजे ज्ञापन में सरकार को अवगत कराया कि लगातार 25 वर्षों से प्रदूषित औद्योगिक इकाईयों की वजह से बनासनदी के पेटा क्षैत्र के सैकड़ों गांव काले पानी से प्रभावित है तथा जल, जंगल, जमीन की स्थिति दयनीय हो गई है। क्षेत्रवासी इस समस्या के समाधान को लेकर संघर्ष कर रहे है। सरकार द्वारा पूर्व में भी प्रदूषित औद्योगिक इकाईयों द्वारा प्रवाहित किये जा रहे काले पानी को नदी नालों एवं कुओं के जरिये भूगर्भ में छोड़ने की हरकतों को लेकर सरकार एवं प्रशासन से मांग करते रहे है। पूर्व की सरकार द्वारा भी पानी को 0 डिस्चार्ज पर छोड़ने एवं बनास नदी के पास पानी शुद्धिकरण के लिये कोई विशेष कार्यवाही नहीं की गई। जिससे क्षैत्र की जनता एवं भीलवाड़ा सहित चित्तौड़ टोंक आदि जिल्ले बिसलपुर तक प्रभावित है।
बनास नदी के पेटा क्षैत्र के दोनों तरफ 25-25 किलोमीटर का क्षैत्र इस विकराल समस्या से प्रभावित है। वहीं क्षैत्र के भीलवाड़ा सहित सैकड़ों गांवो में पर्यावरण संरक्षणएवं विकास को लेकर बनास प्रोजेक्ट को लागू किया जाना चाहिये। इसके साथ ही औद्योगिक विकास व मजदूरों को स्थायी रोजगार एवं क्षैत्रीय विकास को प्राथमिकता देने की मांग की है।
आंदोलन समिति ने भीलवाड़ा जिला मुख्यालय के करीब प्रदूषण की समस्या से ग्रसित मंगरोप कस्बे में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की मांग को लेकर भेजे ज्ञापन में आग्रह किया कि भीलवाड़ा तहसील सहित बनास नदी के पेटा क्षैत्र के दर्जनों गांवों चिकित्सा सेवाओं को लेकर जिला मुख्यालय की तरफ आते है।
ज्ञापन में सरकार से काले पानी के स्थाई समाधान एवं बनास नदी के संरक्षण की विशेष मांग की गई।

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